What is a Situationship in Hindi

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सिचुएशन शेप एक बड़ा इंटरेस्टिंग टर्म बहुत ज्यादा फेमस हो रहा है यूथ के बीच में। ओह माय गॉड। आयम इन सिचुएशन शेप लाइक रिलेशनशिप्स नाउ डेज नाउ इन सिचुएशन शेप बड़ा कूल सा वर्ड लगने लग गया जनवरी के बीच में। और आजकल हम जैन जी के बहुत सारे टर्म्स को पकड़ रहे हैं। लास्ट वीडियो में हमने बात की थी सिग्मा मिल्स के बारे में। अगर नहीं देखी है तो जाकर देखिए। डिस्क्रिप्शन में लिंक है। यह वीडियो देखने के बाद देख लीजिएगा और वीडियो को लाइक करते रहिये। बहुत सारा प्यार बरसाये इस वीडियो के लिए। टारगेट रखते हैं एक हज़ार लाइक का तो जल्दी से जल्दी कर दीजिए और आप चाहते हैं कि किसी नए टॉपिक पर मैं वीडियो बनाऊं तो वह आप कमेंट में लिख सकते हैं। कुछ नहीं लिखने को तो लव यू बाबा, कैसा लिख दीजिएगा। उससे क्या होता है कि यूट्यूब को पता चलता है कि आपको मेरी वीडियो पसंद आ रही है तो और ज्यादा लोगों को दिखाता है जिससे हमें थोड़ा सा ज्यादा लोगों तक पहुँचने का मौका मिलता है। ठीक है तो बात करते हैं अब सिचुएशन शिफ्ट के बारे में। संत। सिचुएशन सेफ है क्या?

जिन लोगों को नहीं पता? जो मेरी तरह थोड़े से जैन जी कल्चर से नहीं आते? मुझे भी नहीं पता था। फिर मैंने अपने कुछ जैन दोस्तों से पूछा। मैंने कहा क्या है यह सिचुएशन? शेप क्या होता है? तो शायद मैं गलत भी हो सकता हूं कुछ कुछ चीजों में। तो अगर मैं गलत हूं कहीं पर तो मुझे बताइए जरूर कि मैंने यह चीज शायद गलत बोल दी। पहले आता था फ्रेंड्स विद बेनिफिट। तो वह उसमें यह था कि आप फ्रेंड्स रहते हो, पर बेनिफिट भी साथ में रहता है। पर फ्रेंड्स तो रहते हो यहां पर यह है कि भैया सिचुएशन पर है कि चलो एक एक क्लास में हैं। कभी कबार मिल रहे हैं तो मिल गए तो बस हो गया। कुछ होना होगा और चाहे उसमें अगर मन किया तो बैठकर आपने बात भी कर ली। मन किया तो आप सेक्शुअल रिलेशनशिप में भी इनवॉल्व हो गए। पर ऐसा कुछ खास नहीं है। मतलब आपको कुछ करना नहीं है। कोई कोई कोई टेंशन नहीं देनी है किसी को ना कोई कमिटमेंट है ना कोई बाउंड्री है। आपको जिसके साथ जाना है, जो करना है आप करो। बट आप उस इंसान के साथ एक सिचुएशन शेप में आ जाते हो जहां पर वह दोनों प्रेफर करते हैं कि हां ठीक है, मिलेंगे, साथ रहेंगे पर नो कमिटमेंट, नो बाउंड्रीज, नथिंग। अब मजे करो। मतलब इन इन शॉर्ट फुल मजा। नो कमिटमेंट। तो यह है सिचुएशन शेप। कई लोग सिचुएशन को इस तरीके से बोल देते हैं कि जो सिचुएशन के हिसाब से चले कि मतलब कल का पता नहीं है। आज मजे करते हैं,

आज रहते हैं साथ में कल का कल देखा जाएगा तो उसे भी आप सिचुएशन शेप बोल देते हो। अब कई लोगों ने मुझसे पूछा कि सर मैं सिचुएशन शिप में हूं। सही है, गलत है। क्या है, क्यों है? नहीं है तो उसके बारे में जरा बात कर लेते हैं। यूजफुल। जो भी लोग मेरे साथ प्राइवेट कॉल में आते हैं। जो लोग सिचुएशन शिप में होते हैं, वह लोग स्टार्टिंग में तो बड़ा कूल बन रहे होते हैं। स्टार्टिंग में तो उन्हें लगता है कि यार यह तो सबसे बढ़िया चीज हो गई या हम सिचुएशन शिप में। मैं ना कोई शादी की टेंशन, ना कोई कमिटमेंट की टेंशन। बट स्लोली ग्रेज्युटी। वहां पर जो प्रॉब्लम्स आती हैं, वही प्रॉब्लम मैं आपको बताने वाला हूं। इस वीडियो में क्यों लोग ऐसा क्या प्रॉब्लम आ रही है और क्या इसका सलूशन हो सकता है। अगर आप चाहते हैं कि आप भी प्राइवेट कॉल बुक करें तो नीचे नंबर दिया है। उस पर हमारी टीम को वॉट्सएप कर सकते हैं। टीम विल यू नो कि आपको कैसे हमारे साथ एक प्राइवेट कॉल बुक कर सकते हैं?

सिचुएशन शिप की जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है और सबसे पहली प्रॉब्लम भी। जो सबके साथ होती है, वह यह होती है कि स्टार्टिंग में तो यह बहुत कूल लगता है। बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि युवर इनटू रिलेशनशिप काइंड थिंग। मतलब आपको रिलेशनशिप वाले मजे सारे हैं पर यहां पर आपको कोई कमिटमेंट नहीं देनी। यहां पर कोई रिस्पॉन्सिबिलिटी नहीं है जिसकी वजह से क्या होता है कि उन्हें लगता है कि हां मजा तो आ रहा है पर स्लोली। ग्रेज्युटी नाइंटी परसेंट लोगों के साथ ये होता है कि दोनों पार्टनर में से एक पार्टनर। धीरे धीरे प्यार एक फीलिंग उसके अंदर डेवलप होने लगती है उस दूसरे पार्टनर के लिए। अब हो सकता है कि शायद आपमें ना हो वह आपके पार्टनर में हो जाए। जो भी आपके सिचुएशन शेप में है या फिर आप में हो जाए उसमें ना हो। तो यहां पर जो लैक ऑफ क्लैरिटी है उसकी वजह से बहुत ज्यादा कंफ्यूजन क्रिएट होती है। उसकी वजह से बहुत दिक्कतें आ जाती हैं क्योंकि अगर आपको फीलिंग आ गई वह इंसान बोल देगा कि भाई मैं तो पहले दिन से क्लियर था। मैं में मैं कहां गलत हूं। सॉरी गेट लॉस्ट या अगर आपको आपको फीलिंग नहीं आई उसको आ गई तो आप यह सोचिए कि यार अब उसको हर्ट ना हो। क्या करूं बताऊं?

नहीं बताऊं तो वह सिचुएशन चल रहा है तो आप उसमें क्या करें। तो वहां पर किसी ना किसी एक इंसान के अंदर वह फीलिंग आना लाजमी रहता होता है। मतलब आप फाइव परसेंट चांस लेकर चलो कि दो लोग इंटिमेट हो रहे हैं, बातचीत कर रहे हैं, टाइम स्पेंड कर रहे हैं तो वह एक फीलिंग ऑफ अट्रैक्शन जरूर आ जाती है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा प्रॉब्लम आती है। स्टार्टिंग में तो वह कूल लगता है। फिर उसके बाद आप फंस जाते हैं। उस सिचुएशन शिप के अंदर ना आप निकल सकते हैं, ना आप उसमें रह सकते और रहोगे भी तो विदाउट फीलिंग आप रहोगे। दोनों में से अगर एक पार्टनर को फीलिंग नहीं आई तो दूसरी चीज जो मुझे लगता है, वह है इमोशनल। स्टेबिलिटी बहुत ज्यादा है। आप आज सिचुएशन शिप में एक हफ्ते, दो हफ्ते, तीन हफ्ते, एक महीना मान लो। आप रहे फिर नाउ यू चेंज द पर्सन। आप दूसरे इंसान के साथ सिचुएशन शेप में चले गए। फिर तीसरे के साथ चले गए। जो भी हो रहा है, अब दिक्कत यहां पर आ जाएगी कि वेन्यू फ्रीक्वेंट चेंज, पीपल इन इमोशनल रिलेशनशिप और फिजिकल रिलेशनशिप तो वहां पर इमोशनल स्टेबिलिटी बहुत ज्यादा आ जाएगी। बहुत सारे लोगों को नहीं पता चलता इनिशियल स्टेज पर। पर उन्हें यह समझ में आएगा कि एक ऐसा करते करते वह ऐसी हैबिट डेवलप कर लेंगे अपने अंदर जहां पर वह चाहकर भी किसी एक इंसान से लॉयल रह ही नहीं सकते या वह लॉयल्टी निभा ही नहीं पाएंगे। शादी का अगर आप नहीं सोच रहे हैं आप हैप्पी जैसी जिंदगी चाहते हैं तो ठीक है आप?

हिप्पी हिप्पी मतलब वह लोग जो पहाड़ों में घूम रहे हैं, ट्रैवल कर रहे हैं, उनको कोई मतलब नहीं है। यहां सिचुएशन शिप हो गया। वहां सेक्शुअल रिलेशन शिप हो गया। उनको कोई दिक्कत नहीं है। पर अगर आप हिप्पी जैसी जिंदगी नहीं। आप सोच रहे कि आगे जाकर मुझे शादी करनी है। मुझे बच्चे करने में चीजें करनी है। अगर आप फ्रीक्वेंट ऐसे अलग अलग लोगों के साथ सिचुएशन शिप में जा रहे हो तो आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। आगे जाकर किसी एक इंसान के लिए लॉयल रहने को भले ही वह इंसान कितना भी अच्छा हो तो यह इमोशनल स्टेबिलिटी बहुत ज्यादा आ जाती है। थर्ड जो बड़ी चीज है, वह है इन इक्वैलिटी। वह आपको कैसे ट्रीट कर रहा है और आप उसे कैसे ट्रीट कर रहे हो? तो बहुत से लोगों को लगता है कि ठीक इस सिचुएशन पर क्या दिक्कत है। पर कई बार क्या होता है कि आगे वाले इंसान के पास इतना टाइम नहीं है। अब वह सिचुएशन छिप नहीं पा रहा है, तो वह अपने हिसाब से आपसे बात करेगा। वह अपने हिसाब से आपको फोन करेगा। अब हो सकता है कि शायद आपका हिसाब अलग हो। आपको उस इंसान से मन करें मिलने का। हफ्ते में दो बार, तीन बार और रिलेशनशिप में यू कैन कंप्लेन अबाउट दिस की आर आई वॉन्ट टू मी टू यू। अगर आपको रिलेशनशिप चलाना है, हमने कमिटमेंट दी है, हमें मिलना चाहिए। हफ्ते में दो तीन बार। अब वह इंसान 10 दिन में एक बार मिल रहा है तो वहां पर इन्हीं क्वालिटी क्रिएट हो जाती है। वहां पर आप चाहकर भी आगे वाले इंसान

को भूल नहीं सकते क्योंकि देरी नो कमिटमेंट अबाउट देयर इज नो बाउंड्रीज अबाउट। और वहां पर फिर आपको वह चीज फील होने लगती है कि आर इन इक्वैलिटी है। अगर आप आप उस स्टेज में है जहां पर आप 10 दिन में एक बार मिल रहे हो और आप मिल कर खत्म कर लो, कोई दिक्कत नहीं है तो वहां पर आपको इतनी ज्यादा फील नहीं होगी। पर आगे वाले इंसान को फील होगी तो कहीं दोनों में से किसी एक इंसान को। वह इन इक्वैलिटी तो फील होने ही वाली है और उस रिलेशनशिप में भी कई बार होती है। बट रिलेशनशिप में यू हैव पावर टू सेतु अदर पर्सन किया मैंने कमिटमेंट दी है। तुमने भी कमिटमेंट जब दी थी तब वादे किए थे। तो यू हैव टू मेक टाइम फॉर मी और माइसेल्फ जो भी है, ठीक है। आपको मेरे लिए वक्त निकालना पड़ेगा। पर सिचुएशन शिप में आप ऐसा नहीं बोल सकते हो तो जितना मजा है, उतनी ही बाद में सजा है। इस बात को याद रखना। फोर्स जो मुझे लगता है बहुत बड़ा पॉइंट और बहुत इंपॉर्टेंट पॉइंट है, वह है जेलस एंड इनसिक्योरिटी। आपको बहुत ज्यादा जेलस फील होने वाला है। बहुत ज्यादा इनसिक्योर फील होने वाला। तो सबसे पहले थोड़ा हमारे लाइट्स का प्लेसमेंट चेंज हो गया तो सो सॉरी फॉर दैट बट कंटिन्यू करते हैं।

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